उम्मेद कॅवर टी-20 गोल्ड कप

02 जुलाई को यह प्रतियोगिता आरम्भ की गई। बारिश के मौसम में प्रतियोगिता आरम्भ होने से लग रहा था कि टूर्नामेन्ट में बारिश से खलल पड़ सकता है लेकिन प्रतियोगिता के सभी मुकाबले बिना किसी व्यवधान __के खेले गये। प्रतियोगिता में जयपुर के लगभग सभी सीनियर खिलाड़ी खेलते नजर आये। प्रतियोगिता का उद्घाटन आरसीए के उपाध्यक्ष मोहम्मद इकबाल व जेडीसीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल शेखावत ने किया। प्रतियोगिता के सभी मैचों में कड़ी टक्कर देखने को मिली। उद्घाटन मैच व एक सेमी फाईनल मैच तो टाई हुआ जहां परिणाम सुपर ओवर से निकाला गया। भवानी निकेतन मैदान की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग मानी जाती है ऊपर से टी-20 क्रिकेट में बड़े स्कोर तो बनना स्वाभाविक था। इसलिए टी-20 के किसी टूर्नामेन्ट के सेमीफाइनल मुकाबलों तक 4-5 शतक लगना प्रतियोगिता पर चार चांद लगना जैसा है। वहीं गेन्दबाजों को बल्लेबाजी के लिए अनुकूल विकेटों पर गेन्दबाजी करना थोड़ा मुश्किल भरा काम था। फाइनल मैच राजीव गांधी एकेडमी बनाम भाभा एकेडमी के मध्य खेला गया। राजीव गांधी एकेडमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए हरजीत सिंह के 19 रन, कार्तिकेय चौधरी के 27 रन, करण लाम्बा के 42 रन, अजय सिंह कुकना के 51 रनों की मदद से 20 ओवर में 8 विकेट पर 158 रन बनाए। भाभा एकेडमी के लिए ___लोहित केवलिया ने 30 पर 4, ___ धर्मेन्द्र यादव, सचिन मालव व सव्य गजराज ने एक-एक विकेट लिया। जवाबी पारी में भाभा एकेडमी की शुरुआत अच्छी नहीं रही व उनके विकेट लगातार अन्तराल पर गिरते रहे व पूरी टीम 19.5 ओवर में 110 रन ही बना सकी। भाभा एकेडमी के लिए सचिन मालव ने 10 रन, कपिल राजपूत ने 20 रन, कुशाल शर्मा ने 17 रन, मनोज गुर्जर ने 20 रन बनाए। राजीव गांधी के लिए रामनिवास गोलाडा ने 16 पर 3, अजय सिंह कुकना ने 28 पर 2, विनय मीणा ने 18 पर 2, नाथु सिंह व सैफ अली खान ने एक-एक विकेट लिया। प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज आशीष सैनी (जी आर एकेडमी), सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज वाजिद खान (जयपुरिया एकेडमी), सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक भरत शर्मा (भाभा एकेडमी) रहे जबकि मैन ऑफदी सीरीज महिपाल लोमरोर (राजीव गांधी एकेडमी) रहे।